पाठ्यक्रम की संरचना
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार, दक्षता आधारित शिक्षा, कला समेकित अधिगम, अनुभवात्मक अधिगम को शामिल किया गया है। यह शिक्षण विधियों की प्रभावशीलता को उजागर करता है और छात्रों को खेल-खेल में सीखने पर बल देता है।
दक्षता आधारित शिक्षा
दक्षता आधारित शिक्षा का तात्पर्य है ऐसे शिक्षण और मूल्यांकन का ढांचा, जो छात्रों की सीखने की क्षमताओं और विषय में विशेष दक्षता पर ध्यान केंद्रित करता है। यह छात्रों को ज्ञान और कौशल को वास्तविक जीवन में लागू करने में मदद करता है।
कला समेकित अधिगम
कला समेकित अधिगम का उद्देश्य है विभिन्न कलात्मक रूपों, जैसे कि संगीत, नृत्य, नाटक, चित्रकला आदि के माध्यम से विषय को रोचक और आकर्षक बनाना। इससे पाठ का आनंद और समझदारी बढ़ती है।
अनुभवात्मक अधिगम
अनुभवात्मक अधिगम का उद्देश्य शिक्षार्थियों को स्वयम मूल्यांकन करने, आलोचनात्मक सोचने, और ज्ञान को अनुभव के माध्यम से प्राप्त करने की प्रक्रिया में शामिल करना है।
पाठ्यक्रम के अध्ययन से अपेक्षित परिणाम
- छात्र हिंदी में बोलने और लिखने में सक्षम होंगे।
- वे समाज, विज्ञान और अन्य विषयों में अपने ज्ञान को हिंदी के साथ जोड़ सकेंगे।
- दैनिक जीवन में हिंदी के औपचारिक और अनौपचारिक उपयोग में दक्षता प्राप्त करेंगे।
शिक्षण विधियाँ
- छात्रों की गलतियों को भाषा विकास के अवसर के रूप में स्वीकार करना।
- स्वतंत्र और बिना किसी बाधा के छात्रों को अपनी बात कहने का अवसर प्रदान करना।
- कक्षा में विभिन्न भाषा कौशलों का विकास।
कौशल विकास
- श्रवण कौशल: सामग्री को सुनकर समझना, मुख्य बिंदुओं का विश्लेषण करना।
- वाचन कौशल: पाठ को ध्यानपूर्वक पढ़कर मुख्य विचारों को समझना।
- लेखन कौशल: विभिन्न प्रकार के लेखन जैसे पत्र, ई-मेल, और अन्य दस्तावेज़ तैयार करना।
रचनात्मक अभिव्यक्ति
- अनुच्छेद लेखन, पत्र लेखन, संवाद लेखन, और लघुकथाएँ लिखने का अभ्यास।
- छात्रों को अपनी सोच और अनुभवों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने के लिए प्रेरित करना।
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को हिंदी में सृजनात्मक और सटीक अभिव्यक्ति में सक्षम बनाना है, ताकि वे भाषा के विभिन्न पहलुओं को समझ सकें और उसका उपयोग कर सकें।